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कविता-- बालकविता--हरीला तोता


कविता--बालकविता हरीला तोता

हरीला तोता मेरा
हरे रंगों का बना
लाल लाल चोंच उसकी
गलेपर लहरीदार गहना

सुबह सुबह मुझे उठाता है
रामराम का जाप करता है
दिनभर मेरा नाम लेकर
मुझे बुलाया करता है

आंगन में टंगे पिंजरे में
बंद हो कर भी सबपर नजर रखता है
सुबह शाम हरी मिर्च खाकर
टेंटें करता रहता है।

***
सीमा..✍️🌷
©®
#लेखनी प्रतियोगिता

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8 Comments

Swati chourasia

20-Sep-2022 07:44 PM

बहुत खूब

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Suryansh

16-Sep-2022 07:54 AM

Wahhhh Outstanding

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Achha likha hai 💐

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